भागयांक 1 :

भगवान ईशु ने कहा है कि “Know they self” ” आप अपने आपको (अपनी आत्मा को) पहचानो” परंतु हम अपने आपको या अपनी आत्मा को पहचानने का सही प्रयत्न क्या करते हैं? हम यदि वैसा करें तो हम अवश्य ही धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। अपना भविष्य जानने की किसी को इच्छा नहीं होती होगी? अनासक्त, निर्लेप और निष्काम ऐसे योगियों को या पशु जैसे जड़ और बुद्धिहीनों को तथा सामान्य संसारी जन को अपना भावो जानने की इच्छा तो रहती ही है। अपने आपको अर्थात कि अपने सच्चे स्वभाव को पहचानने के लिए तथा अपना भावी जानने के लिए सभी को अपनी पूर्ण जन्म तारीख जानना आवश्यक है। भाग्यांक 1 को जीवनचक्रांक (Life Cycle Number) जीवन-पथ (Life path) या व्यक्तित्वांक (Individuality Number) भी कहा जाता है। अंकशास्त्र में मनुष्य के नाम से ज्यादा उसकी पूर्ण जन्म तारीख को नीचे के कारणों से महत्वपूर्ण माना जाता है।

(1) प्रत्येक मनुष्य की जन्म तारीख निश्चित अर्थात कभी भी न बदली जा सके ऐसी वस्तु है, जबकि उसका नाम इच्छा हो तब अर्थात जब चाहे बदल सकते हैं।

(2) कुछ व्यक्ति एक से अधिक नामों से पहचाने जाते है। ऐसी परिस्थितियों में कौन सा नाम नामांक के लिए लेना उसका निर्णय करना कठिन बनता है।

(3) मनुष्य की जन्म तारीख उसके जन्म समय के ग्रहों की स्थिति और असर दर्शाती है और यह असर जीवनभर रहता है।

पूर्ण जन्म तारीख अर्थात तारीख, मास और वर्ष के साथ वाली जन्म तारीख 1 जन्म तारीख पर से भाग्यांक, जीवनचक्रांक या जीवन पथ नीचे दर्शायी गई पद्धति से ढूंढ या निकाल सकते हैं। उसके लिए कुछ उदाहरण नीचे दर्शाए गए हैं।

(1) श्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्म तारीख 2-10-1904 थी। उनका भाग्यांक 2+1+0+1+9+0+4 = 17 = 1+7 = 8 होता है।

(2) डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्म तारीख 2-9-1888 थी। उनका भाग्यांक 2+9+1+8+8+8 363+6 = 9 है।

(3) भूतपूर्व वित्तमंत्री तथा गृहमंत्री श्री एच.एम. पटेल। जन्म तारीख 27-8-1904 है। उनका भाग्यांक 2+7+8+1+9+0+4 = 31- 3+1 = 4 होता है।

अब सभी लोग अपनी पूर्ण जन्म तारीख से उपरोक्त तरीके से अपना भाग्यांक, जीवनचक्रांक या जीवन पथ ढूंढ सकेंगे। व्यक्ति के भाग्यांक का असर अर्थात भाग्यांक के आंदोलन का असर उसके जन्म से या मृत्यु पर्यन्त अर्थात कि पूरे जीवन पर्यंत रहती है। भाग्यांक की मदद से व्यक्ति अपने स्वभाव, चरित्र, व्यक्तित्व, विशिष्ट शक्तिओं और कमजोरियों, गुणों और अवगुणों, वृत्तिओं, अभिरूचियों आदि को जान सकता है। अंग्रेजी में एक सुभाषित है “CHARACTER IS DESTINY” ” चरित्र ही भाग्य है।” मनुष्य अपने स्वभाव और चरित्रानुसार अपने भाग्य का निर्माण कर सकता है। भाग्यांक की मदद से अपना स्वभाव और चरित्र जानकर भी वह भाग्य का निर्माण कर सकता है। प्रत्येक भाग्यांक का अच्छा और बुरा दोनों ही प्रकार से दो बाजुएँ होती है। सभी को अपने भाग्यांक के अच्छे गुणों का विकास करने के लिए और उसके दुर्गणों से दूर रहने का प्रयत्न करना चाहिए। शून्य भाग्यांक के रूप में नहीं आ सकता है। परंतु जन्म तारीख में शून्य आए तो वह उसके आगे और पीछे आए हुए अंकों का मूल्य अनेक गुणा घटा और बढ़ा देता है। गुजराती में कहावत है कि “अंकों के बिना का शून्य बेकार।” इसके अनुसार शून्य जब किसी अंक के बाद आता है तब उस अंक का बल शून्य दस गुणा बढ़ा देता है। इसके बाद । से 9 तथा 11 और 22 भाग्यांकों के बारे में क्रमशः जानकारी दी जाएगी।

भाग्यांक 1 का (प्रतीक ग्रह – सूर्य) :

मार्ग दर्शक शब्द नेता Pioneer नवीन क्षेत्र में आगे बढ़ने वाला, साहस करने वाला या प्रारंभ करने वाला, स्वतंत्र महत्वकांक्षा।

इस भाग्यांक वाले लोग जन्मजात नेता, स्वाभिमानी, आक्रमक स्वभाव के. सत्ता के शौकीन, दूसरों के ऊपर अधिकार जमाने वाला, स्वतंत्र मिजाज के, दृढ़ व्यक्तित्व वाले, मौलिकता वाले, सर्जन शक्ति वाले तथा व्यवहार होते हैं। वह बहुत ही महत्वाकांक्षी होते हैं और दृढ़ मनोबल, संकल्प बल और इच्छा शक्तियों की मदद से वे अपनी ज्यादातर महत्वकांक्षाएँ पूर्ण भी करते हैं। उनमें अच्छी व्यवस्था शक्ति होती है इसलिए वे घर-परिवार या छोटी-बड़ी संस्थाओं के व्यवस्थापक, संचालक, प्रशासक या मैनेजर बन सकते हैं। उन्हें स्वतंत्र रूप से काम करना पसंद होता है इसलिए वे दूसरो की ताबेदारी का काम करना पसंद नहीं करते हैं।

इन लोगों की नकारात्मक बाजू भी होती है। कई बार वे स्वाभिमानी के बजाय अभिमानी भी हो जाते हैं, उन्हें अपनी शक्तियों के बारे में अधिक पता होने से वे दूसरों के साथ में सहयोग से काम करने की बजाय उनका अपमान और टीका करते हैं। हृदय से वे शुद्ध और अच्छे होने के बावजूद वे जीभ से बिन्दास्त होते हैं, इसलिए वे अपने साथियों, सहकार्यकर्ताओं और उनके हाथ के नीचे काम करने वाले कर्मचारियों में अप्रिय बनते हैं। उनके मित्र उनसे दूर होते हैं और दुश्मन बढ़ते जाते हैं। वे स्वार्थी, आत्म श्रद्धा वाले, बड़ाईखोर, खुशामतप्रिय बनते हैं। वे दूसरों की टीका और निंदा करने में आनंद लेते हैं परंतु दूसरे उनकी टीका करें तो बहुत ही दुःखी होते हैं और वे उसे सहन नहीं कर सकते हैं। “They neither forgive nor forget easily”, वे सरलता से (टीका, निंदा, अपमान आदि और उसके लिए जवाबदार व्यक्ति को) नहीं भूलते हैं, या माफ भी नहीं करते हैं। जब वे बहुत गुस्से में होते हैं तब वे कामचोर वैश्वृत्ति वाले और घातकी भी बनते हैं। वे जीभ से बिन्दास्त, दुराग्रही, जिद्दी, हठीले, अभिमानी, वैरवृत्ति वाले बनकर अपने आपको ही नुकसान करते हैं। वे जल्दबाजी वाले स्वभाव के होने से उनमें धीरज का अभाव होता है। वे किसी भी परिस्थिति में झुकते नहीं हैं, अर्थात् समाधान नहीं कर सकते हैं और इसलिए उन्हें बहुत ही सहन करना पड़ता है। वे बड़ाईखोर होने से बहुत सी बार अतिश्योक्ति करते हैं।

भाग्यांक 1 वालों के तंदुरुस्ती और रोग :

सामान्यतः भाग्यांक वालों की तंदुरुस्ती अच्छी रहती है। फिर भी कभी-कभी उनको सर्दी, जुकाम, लू लगना, खून में विकार उत्पन्न होना, गर्मी निकलना, खून का उच्च दबाव, हृदय के अलग-अलग रोग, बुखार, पीठ और मरोड़ से जुड़े दर्द आदि बीमारी होने की संभावना है। इन रोगों से मुक्त होने के लिए उन्हें अधिक भोग विलास, काम के अधिक बीज और मानसिक तनाव (खिंचाव) से दूर रहना जरूरी है। उन्हें आराम और शिथिलीकरण (Relaxation) के लिए जरूर समय देना चाहिए और योग्य प्रमाण में व्यायाम या कसरत करनी चाहिए।

भाग्यांक 1 का मैत्री और भागीदारी :

भाग्यांक 1 वाले समर्पण की भावना वाले तथा शांत स्वभाव के लोग उनके लिए उत्तम मित्र बने रहते हैं। सामान्यतः उनके घनिष्ठ मित्र और भागीदार घनिष्ठ, विश्वसनीय और वफादार होते हैं। वे सरमुखत्यार और अधिकार चलाने वाले होने के बावजूद मित्र और भागीदार के रूप में बहुत ही वफादार और हृदय के साफ होते हैं।

भाग्यांक 1 का प्रेम और वैवाहिक जीवन :

भाग्यांक 1 वाले स्वभाव से बहुत ही प्रेमी और मायावी होते हैं परंतु विपरीत परिस्थितियों में उनकी सहानुभूति, ममता और प्रेम अदृश्य हो जाते हैं। इस भाग्यांक वाले व्यक्ति अपनी पत्नी या पति पर सत्ता चलाने वाले, हुकुम करने वाले, आज्ञा करने की आदत वाले होते हैं।। क्योंकि वे आक्रामक और स्वतंत्र स्वभाव वाले होते हैं। भाग्यांक दो और छः वाले व्यक्ति स्वभाव से नम्र और सहयोग की भावना वाले होने से एक भाग्यांक वाले व्यक्ति का उनके साथ वैवाहिक जीवन बहुत ही सुखी, संवादी और सुमेल होता है। यदि एक भाग्यांक वाले व्यक्ति अपने आक्रमक दोष शोधक, टीकाखोर तथा सत्ताखोर स्वभाव को सुधारे तो वह भाग्यांक तीन या चार वाले व्यक्ति के साथ में सुखपूर्वक वैवाहिक जीवन जी सकते है। कभी-कभी एक भाग्यांक वाले व्यक्ति पाँच या सात भाग्यांक वाले व्यक्ति के साथ सुखी जीवन साथी के रूप में जीवन तो व्यतीत करते हैं परन्तु वे पूरी तरह से एक-दूसरे को समझ नहीं पाते। एक भाग्यांक वाले व्यक्ति को आठ या नौ भाग्यांक वाले व्यक्ति के साथ विवाह कभी नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा विवाह उनके लिए कलेश, लड़ाई, विसंवाद, अशांति, असंतोष और कुसंग का कारण बनता है तथा विवाह विच्छेद या तलाक का कारण बनता है।

भाग्यांक 1 का व्यवसाय :

वे सत्ता जैसे स्थानों पर होते हैं अथवा जब वह काम करने के लिए स्वतंत्र होते हैं तब वे उत्तम काम कर सकते हैं। वे सहायक या कर्मचारी के रूप में कठोर परिश्रम करने वाले, कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार होते हैं। परंतु अपने स्वभाव के कारण वे कई बार दूसरों के साथ में घर्षण में भी उतर जाते हैं। वे मानते हैं कि वे हमेशा सही ही होते हैं और उनमें कुनेह और मुत्सद्दीगिरी का अभाव होता है। उपरोक्त कारणों से उनको मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है। वे हृदय के अच्छे होने के बावजूद जीभ के बहुत ही बिन्दास्त होते हैं। जिससे उनके हाथ के नीचे काम करना बहुत ही कठिन होता है। वे अपने गतिशील व्यक्तित्व के कारण अपने हाथ के नीचे काम करने वाले कर्मचारियों या कारीगरों को प्रोत्साहित करते हैं। उपरोक्त गुणों के कारण वे इंजीनियर, जहाज चालक, ऊपरी अधिकारी, निरीक्षक, संचालक, व्यवस्थापक, प्रशासक, मैनेजर, राजकीय, सामाजिक या धार्मिक नेता, सरकारी नौकर, नाटक या चलचित्र के डायरेक्टर (निर्देशक) और निर्माता, विज्ञान की अलग-अलग शाखाओं में संशोधक (रिसर्च वर्कर), किसी भी विभाग के या संस्था के उच्च अधिकारी, प्राध्यापक, शिक्षक, विज्ञापन करने वाले सामायिकों के तंत्री आदि व्यवसाय सफल रूप से कर सकते हैं।

भाग्यांक 1 का आर्थिक विषय :

यदि वे अपनी उजडुपन, अविचारीपन, लापरवाही और आवेशशीलता पर विजय प्राप्त करें तो वे अच्छे प्रमाण में संपत्ति और कीर्ति प्राप्त कर सकते हैं। उनके उपरी अधिकारी की ओर से उन्हें बढ़ती और अन्य अच्छे लाभ मिलते हैं। उनमें पैसे वाला बनने की वृत्ति होने के कारण वे सट्टे और जुए की ओर मुड़ते हैं परंतु यदि वे इस वृत्ति को अंकुश में न रखे तो वे अपनी आर्थिक प्रणाली को आमंत्रण देते हैं। जो उन्हें पसंद हो वैसी वस्तुओं को खरीदने में बहुत खर्च करते हैं और इसके लिए कभी-कभी कर्ज भी लेते हैं। उन्हें ऊड़ाउपन और जुआ खेलने की वृत्ति पर अंकुश रखना होगा।

भाग्यांक 1 के लिए सलाह सूचना :

(1) दूसरों से काम लेते समय सत्ता या बल से काम लेने के बदले कुनेह और मुत्सदगिरी से काम लेना चाहिए।

(2) दूसरों के दोषों को देखने के बदले उनके गुणों को पहचानकर उनकी कद्र करनी चाहिए।

(3) सत्ता के लिए, सत्ता प्राप्त करने के प्रयत्न नहीं करने चाहिए। प्राप्त हुई सत्ता का उपयोग अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए न करके जनता जनार्दन के हित के लिए करना चाहिए।

(4) दूसरों के साथ शांति और सहकार से काम लेना चाहिए।

(5) मानसिक तनाव (खिंचाव) Tension से दूर रहना वरना खून के उच्च दबाव का भोग बनना पड़ता है।

(6) आक्रामकता, लड़ायकता, सत्ता शोध, अधिरेपन, अविश्वास, ऊड़ाउपन, सट्टे को वृत्ति से दूर रहना, किन्नाखोरी, वैश्यवृत्ति आदि दुर्गुणों को देश निकाला देना।

भाग्यांक 1 वाले महान व्यक्तियों के नाम :

(1) वोल्टर डिझनी संजीव कार्टूनों के निर्माता ज.ता. 5-12-1901

(2) ईरीन जुलीएट क्यूरी महान रसायन शास्त्री तथा वैज्ञानिक ज.ता. 12-9-1897

(3) ईश्वरचंद्र विद्यासागर – बंगाली समाज सुधारक ज. ता. 26-9-1820

(4) सर विलियम पीर पीर के इण्डिया रखवाले जन्म ता. 28-5-1759

(5) ज्होन न्युकोम्ब – टेनिस के खिलाड़ी जन्म ता. 23-5-1944

(6) क्रिस्टोफर कोलंबस – अमेरिका खंड के शोधक जन्म ता. 20-5-1506

(7) कार्ल मार्क्स साम्यवाद के प्रणेता, जन्म ता. 5-5-1818

(8) चार्ली चेप्लीन हास्य अभिनेता, जन्म ता. 16-4-1829

(9) करसन घावरी क्रिकेट के डाबोडी खिलाड़ी, जन्म ता. 28-2-1951

(10) जॉर्ज वॉशिंगटन अमेरिका के प्रथम प्रमुख, जन्म ता. 22-2-1732

(11) कविवर रविन्द्रनाथ टैगोर – नोबेल पुरस्कार विजेता जन्म ता. 7-5-1861

(12) श्री गोलवलकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दूसरे संघ प्रमुख, जन्म ता. 19-2-1906

(13) हेनरी फोर्ड – अमेरिकन उद्योगपति, जन्म ता. 31-1-1862

(14) श्री मोरारजी देसाई – भूतपूर्व प्रधानमंत्री, जन्म ता. 29-2-1896